क्या है जीडीपी? (What is GDP)
GDP को सर्वप्रथम अमेरिका के एक अर्थशास्त्री साइमन ने 1935-44 के दौरान इस्तेमाल किया था। ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी एक वर्ष में किसी देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं के कुल मूल्य को कहते हैं।
GDP से किसी भी देश की अर्थव्यवस्था अच्छी है या बुरी पता चलता है। भारत में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO ) द्वारा हर साल जीडीपी के आकडे जरी किये जाते हैं। इस प्रकार जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक विकास का पैमाना हैं।
किस प्रकार निकाली जाती हैं जीडीपी
निचे दिए गए चारो घटको को मिलकर जीडीपी GDP की गणना की जाती हैं -
- निजी उपभोक्ताओं का खर्चा अर्थात प्राइवेट कंसम्पशन।
- प्राइवेट सेक्टर के द्वारा किये गए खर्चे और निवेश।
- सरकार द्वारा किया गया खर्चा।
- सरकार द्वारा किया गया खर्चा
GDP के डाटा को 8 सेक्टरों से इकट्ठा किया जाता है। इनमें कृषि, निर्माण, बिजली, गैस सप्लाई, क्वैरीइंग, वानिकी और मत्स्य, होटल,माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, फ़ाइनेंसिंग, रियल एस्टेट और इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विसेज़ व कम्युनिटी, सोशल एवं सार्वजनिक सेवाएँ शामिल होती हैं।
जीडीपी में बढ़ोतरी का फायदा क्या होता हैं
GDP में बढ़ोतरी का मतलब है अर्थव्यवस्था में तेजी आना और उत्पादन ज्यादा होना साथ में बाजार में मांग का बढ़ना। यानी कि सरकार और कम्पनियों के पास ज्यादा पैसा आना। जब सरकार और कम्पनियों के पास ज्यादा पैसा आएगा तो इससे सीधे-सीधे तौर पर आम आदमी को लाभ होगा। क्योंकि, उत्पादन बढ़ने पर ज्यादा मैनपॉवर की जरूरत होगी और मैनपॉवर की जरूरत मतलब नौकरियों का मिलना। ऐसे में जब आम आदमी की जेब में पैसा आएगा उससे उनके रहने के तौर-तरीकों में बदलाव होगा।
इसलिए जीडीपी का बढ़ना किसी भी देश के लिए अच्छा होता है और घटना बुरा।
जीडीपी आम जनता से कैसे जुडी हैं
यहाँ एक सीधी सी बात है जब जीडीपी बढ़ रही होती है तो यह कहा जाता है की सरकार ने अच्छी नीतियां अपनाई है। वही अगर जीडीपी में गिरावट देखी जाती है इसका मतलब हुआ की सरकार को अपनी नीतियों पर काम करने की आवश्यकता हैं।
सरकार के अलावा कारोबारी, स्टॉक मार्केट इनवेस्टर और अलग-अलग नीति निर्धारक GDP डेटा का इस्तेमाल सही फ़ैसले करने में करते हैं। जब कोई अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करती है तो कारोबारी ओर अधिक पैसा इन्वेस्ट करते हैं और उत्पादन बढ़ाने का कार्य करते हैं। वे भविष्य को लेकर आशावादी होते हैं।
लेकिन जब जीडीपी के आँकड़े सही नहीं होते, तो प्रत्येक व्यक्ति अपने पैसे बचाने में लग जाता है। लोग कम पैसा ख़र्च करते हैं और कम निवेश करते हैं। फलस्वरूप इससे आर्थिक ग्रोथ ज्यादा सुस्त हो जाती है। ये स्थिति काफी भयावह होती है।
आपको इस पोस्ट के माध्यम से समझ में आया होगा कि GDP क्या है (GDP meaning), भारत की वर्तमान GDP (Indian current GDP). अगर आपके कुछ सुझाव या विचार है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।
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